Friday 11 March 2016

डायरेक्ट सेलिंग मे कानून न होने के चलते व्यापार प्रभावित

डायरेक्ट सेलिंग मे कानून न होने के चलते व्यापार प्रभावित

भारत मे नेटवर्क मार्केटिंग का बाज़ार का क्षेत्रफल कितना बडा है, यह तो सब जाानते है। लेकिन इसमे कोई रेगूलेशन या फिर क्लीयर पालिसी फ्रेमवर्क न होने की वजह से डायरेक्ट सेलिंग बाज़ार प्रभावित हो रहा है, इस बात से नकारा भी नही जा सकता है। Indian Direct Selling Association (IDSA) व नेशनल हेड.कार्पोरेट अफेयर्स, एमवे इंडिया के अध्यक्ष, रजत बनर्जी ने एक वार्ता के दौरान कहा। डायरेक्ट सेलिंग आज के समय मे लोगो की जरूरत बन गया है। जिसमें आज चालीस लाख से अधिक लोगो को स्वरोजगार प्रदान किया है। जिनमे भारी संख्या मे महिलाऐं जूडी हुई है।

बजट प्रस्तावों पर प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की राय

जैसा कि सभी जानते हैं, डायरेक्ट सैलिंग उद्योग मे नियामक न होने के चलते इस व्यापार से जूडे लोगो को  कई तरह की परेशानियो से जूझना पड रहा है। इसके साथ ही इस क्षेत्र मे रेगूलेट्री नियामकलाने के लिए हमेशा से ही आवाज़ उठती आई है। इस बार भी बजट भाषण के दौरान कैंद्रीय वित्त मंत्री अरून जेतली ने डायरेक्ट सेलिंग मे Prize Chit and Money Circulation Schemes, (प्रतिबंध) अधिनियम 1978, में संशोधन की घोषणा की, जेतली ने यह भी कहा, इस क्षेत्र ने 40 लाख से अधिक लोगो को स्वरोजगार प्रदान किया है, जिसमे महिलाओ कि संख्या मे वृद्धि हुई है। इस बार के बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री अरून जेटली ने सामूहिक निवेश योजनाओं के संबंध में कानून लाने पर पुरजोर दिया है, तथा नेटवर्क मार्केटिंग मे वित्तीय धोखाधड़ी अक्सर Prize Chit and Money Circulation Schemes के एक्ट को ताक पर रख कर किया जाता है।

नेटवर्क मार्केटिंग मे क्या बदलाव किया जा सकता है

डायरेक्ट सेलिंग ने आशा जताई है कि इस क्षेत्र के ब्यूटी प्रोडक्ट, स्कीन केयर, हैल्थ केयर, जैसे उत्पाद कि बिक्री मे सरकार को पूर्ण या आंशिक छूट देनी चाहिय। इसके साथ ही डायरेक्ट सेलिंग FMCGउद्योग विभिन्न क्षेत्रो मेे सामाजिक व आर्थिक रूप से काम करता आया है। इतना ही नही नेटवर्क मार्केटिंग ने महिलाओ को बढ़ावा देने व उनका सशक्तिकरण करने के साथ साथ हैल्थ केयर और मानव सेवा शिक्षा आदि को बढावा दे रहा है। जेतली ने यह भी कहा है कि प्रगतिशील कर एफएमसीजीप्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के सभी क्षेत्रो मे उत्पादकता में सुधार कर सकते हैं ।

पीएचडी सर्वेक्षण मे नेटवर्क मार्केटिंग का आकार

इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन के पीएचडी चैंबर सर्वेक्षण 2014-15 के अनुसार डायरेक्ट सैलिंग उद्योग की सकल बिक्री मे 7,958,3 करोड रूपए रही। जबकि साल 2013-14 मे 2,5 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई। जो कि अब 3-5 साल मे 6,5 प्रतिशत की दर से दो अंको मे वृद्धि दर्ज की गई।

डायरेक्ट सैलिंग मे वृद्धि के आसार

इस उद्योग के आकार को हमारे देश में नीतिगत ढांचे के रूप में अनुकूल वातावरण के कारण साल 2019-20 तक 23,6543, करोड़ रुपये तक पहुँचने का अनुमान लगाया जा रहा है। प्रत्यक्ष बिक्री मे मजबूत कानून के चलते अर्थव्यवस्था में निवेश को पुनर्जीवित करने और अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में उपभोक्ता आधार का विस्तार किया है।

Sunday 6 March 2016

डायरेक्ट सेलिंग का फैलता दायरा

डायरेक्ट सेलिंग का फैलता दायरा

कस्बों और ग्रामीण इलाकों में भी अब डाइरेक्ट सेलिंग यानी प्रत्यक्ष बिक्री का चलन तेजी पकड़ रहा है। इससे आजीविका बनाने वालों की तादाद भी बढ़ रही है क्योंकि इसमें लोगों को रंग चोखा दिख रहा है।
शायद आपको तलाश है एक अवसर और एक रास्ते की, जो आपको एक खुशहाल भविष्य दे सके। भागमभाग के इस दौर में हर किसी को जरूरत है एक अदद कामयाब करियर की। ऐसा जिसमें काफी संभावनाएं हों। ऐसे में डाइरेक्ट सेलिंग भी एक विकल्प के रूप में उभरा है। अपनी जानकारी में ही आपको कई ऐसे लोग मिल जाएंगे जो कभी न कभी किसी डाइरेक्ट सेलिंग बिजनेस के चेन का हिस्सा रहे हैं। यह काम ऐसा जरूर है, जो हर किसी को रास नहीं आता।
डाइरेक्ट सेलिंग क्या है?यह तेजी से फैलता और काफी सक्रिय व्यापारिक माध्यम है जिसमें उत्पादों और सेवाओं की मार्केटिंग सीधे उपभोक्ताओं के साथ की जाती है। भारतीय डाइरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन की सेक्रेटरी जनरल छवि हेमंत बताती हैं कि डाइरेक्ट सेलिंग की सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इसमें उपभोक्ता और विक्रेता सीधे जुड़े होते हैं। इसमें उत्पादों की आपूर्ति उपभोक्ताओं के घर या कार्यस्थल कहीं भी की जा सकती है। इसमें अपने निजी संपर्क का इस्तेमाल करते हुए पार्टी प्लान के द्वारा बिजनेस किया जाता है। पार्टी प्लान से तात्पर्य है कि जब किसी सामाजिक उत्सव के दौरान या फिर किसी ऐसे मौके पर, जब काफी लोग एकत्र हों, अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया जाए, साथ ही ग्राहक भी बनाए जाएं।
चेन और मल्टी लेवल मार्केटिंगये बिजनेस एक नेटवर्क के रूप में चलाया जाता है। डाइरेक्ट सेलिंग वाली सक्रिय कंपनियों जैसे एमवे, वेस्टीज, एवॉन, ऑरीफ्लेम, हिन्दुस्तान यूनीलिवर, मोदीकेयर, टपरवेयर इसमें शामिल हैं। ये अपने प्रतिनीधि सदस्य बनाती हैं फिर ये सदस्य आगे अपने अपने सदस्य बनाते जाते हैंऔर इस तरह नेटवर्क बढ़ता जाता है। ज्यादातर कंपनियां बहुस्तरीय लाभ योजना का इस्तेमाल करती हैं जिसमें कोई एजेंट न केवल अपनी निजी बिक्री का लाभ प्राप्त करता है बल्कि बिजनेस नेटवर्क में खुद के द्वारा जोड़े गए अन्य प्रतिनीधियों द्वारा बिक्री पर अजिर्त लाभ का हिस्सा भी हासिल करता है।
न उम्र की सीमा, न वक्त का बंधनहर उम्र और वर्ग के लोग इससे जुड़ सकते हैं। डाइरेक्ट सेलिंग से जुड़ने के लिए विशेष शैक्षणिक योग्यता और किसी तजुर्बे की जरूरत नहीं। चाहे युवा हों, बुजुर्ग या महिलाएं, सभी इसका हिस्सा बन सकते हैं। यह साइड बिजनेस भी हो सकता है। महिलाएं खासकर ऐसी गृहिणियां जो नौकरीपेशा नहीं हैं, उनके लिए तो इसमें काफी संभावनाएं हैं। छवि हेमंत के मुताबिक महिलाओं में डाइरेक्ट सेलिंग का क्रेज बढ़ा है और आज इस बिजनेस में जुड़े लोगों में लगभग सत्तर प्रतिशत महिलाएं ही हैं। महिलाएं आसानी से कई उत्पादों जैसे रसोई के उपकरण, गृह सज्जा के सामान, जेवर-गहने, कॉस्मेटिक, खिलौने और अंतर्वस्त्रों इत्यादि की बिक्री कर सकती हैं। युवा भी बड़ी संख्या में इस बिजनेस में जुड़े हुए हैं।
क्या है उपभोक्ता का फायदाउपभोक्ताओं के लिए भी डाइरेक्ट सेलिंग बहुत फायदेमंद है। इसमें ग्राहकों को तमाम तरह की सुविधाएं देने की पूरी कोशिश की जाती है, जैसे उत्पादों के प्रदर्शन के साथ इस्तेमाल की या अन्य सभी जानकारियां निजी तौर पर दी जाती है। गुणवत्ता की गारंटी के साथ होम डिलिवरी की जाती है।
क्या हैं इसके फायदे- इस बिजनेस में आप खुद के बॉस होते हैं। आपको कब, कैसे और कहां काम करना है ये सिर्फ आप तय करते हैं।
- आपको खुद अपना लक्ष्य तय करना होता है और उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्लानिंग भी खुद करनी होती है। लचीलापन इस बिजनेस की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है।
- गृहिणियों के लिए अपने पड़ोस या रिश्तेदारियों में, जहां भी मौका मिले और कुछ लोग इकट्ठे हों, वहां अपने उत्पादों का प्रचार प्रसार करना आसान होता है।
- डाइरेक्ट सैलिंग कंपनियां नए जुड़ने वाले एजेंटों को शुरुआत की ट्रेनिंग और बाद में वॉलेंट्री ट्रेनिंग भी देती हैं।
- अपना व्यक्तिगत डाइरेक्ट सेलिंग बिजनेस शुरू करने के लिए किसी व्यक्ति को कोई बड़ा पूंजी निवेश नहीं करना पड़ता। छवि हेमंत के अनुसार आप शुन्य से लेकर तीन हजार रुपये से एक अच्छी शुरुआत कर सकते हैं।
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