डायरेक्ट सेलिंग मे कानून न होने के चलते व्यापार प्रभावित
भारत मे नेटवर्क मार्केटिंग का बाज़ार का क्षेत्रफल कितना बडा है, यह तो सब जाानते है। लेकिन इसमे कोई रेगूलेशन या फिर क्लीयर पालिसी फ्रेमवर्क न होने की वजह से डायरेक्ट सेलिंग बाज़ार प्रभावित हो रहा है, इस बात से नकारा भी नही जा सकता है। Indian Direct Selling Association (IDSA) व नेशनल हेड.कार्पोरेट अफेयर्स, एमवे इंडिया के अध्यक्ष, रजत बनर्जी ने एक वार्ता के दौरान कहा। डायरेक्ट सेलिंग आज के समय मे लोगो की जरूरत बन गया है। जिसमें आज चालीस लाख से अधिक लोगो को स्वरोजगार प्रदान किया है। जिनमे भारी संख्या मे महिलाऐं जूडी हुई है।
बजट प्रस्तावों पर प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की राय
जैसा कि सभी जानते हैं, डायरेक्ट सैलिंग उद्योग मे नियामक न होने के चलते इस व्यापार से जूडे लोगो को कई तरह की परेशानियो से जूझना पड रहा है। इसके साथ ही इस क्षेत्र मे रेगूलेट्री नियामकलाने के लिए हमेशा से ही आवाज़ उठती आई है। इस बार भी बजट भाषण के दौरान कैंद्रीय वित्त मंत्री अरून जेतली ने डायरेक्ट सेलिंग मे Prize Chit and Money Circulation Schemes, (प्रतिबंध) अधिनियम 1978, में संशोधन की घोषणा की, जेतली ने यह भी कहा, इस क्षेत्र ने 40 लाख से अधिक लोगो को स्वरोजगार प्रदान किया है, जिसमे महिलाओ कि संख्या मे वृद्धि हुई है। इस बार के बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री अरून जेटली ने सामूहिक निवेश योजनाओं के संबंध में कानून लाने पर पुरजोर दिया है, तथा नेटवर्क मार्केटिंग मे वित्तीय धोखाधड़ी अक्सर Prize Chit and Money Circulation Schemes के एक्ट को ताक पर रख कर किया जाता है।
नेटवर्क मार्केटिंग मे क्या बदलाव किया जा सकता है
डायरेक्ट सेलिंग ने आशा जताई है कि इस क्षेत्र के ब्यूटी प्रोडक्ट, स्कीन केयर, हैल्थ केयर, जैसे उत्पाद कि बिक्री मे सरकार को पूर्ण या आंशिक छूट देनी चाहिय। इसके साथ ही डायरेक्ट सेलिंग FMCGउद्योग विभिन्न क्षेत्रो मेे सामाजिक व आर्थिक रूप से काम करता आया है। इतना ही नही नेटवर्क मार्केटिंग ने महिलाओ को बढ़ावा देने व उनका सशक्तिकरण करने के साथ साथ हैल्थ केयर और मानव सेवा शिक्षा आदि को बढावा दे रहा है। जेतली ने यह भी कहा है कि प्रगतिशील कर एफएमसीजीप्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के सभी क्षेत्रो मे उत्पादकता में सुधार कर सकते हैं ।
पीएचडी सर्वेक्षण मे नेटवर्क मार्केटिंग का आकार
इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन के पीएचडी चैंबर सर्वेक्षण 2014-15 के अनुसार डायरेक्ट सैलिंग उद्योग की सकल बिक्री मे 7,958,3 करोड रूपए रही। जबकि साल 2013-14 मे 2,5 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई। जो कि अब 3-5 साल मे 6,5 प्रतिशत की दर से दो अंको मे वृद्धि दर्ज की गई।
डायरेक्ट सैलिंग मे वृद्धि के आसार
इस उद्योग के आकार को हमारे देश में नीतिगत ढांचे के रूप में अनुकूल वातावरण के कारण साल 2019-20 तक 23,6543, करोड़ रुपये तक पहुँचने का अनुमान लगाया जा रहा है। प्रत्यक्ष बिक्री मे मजबूत कानून के चलते अर्थव्यवस्था में निवेश को पुनर्जीवित करने और अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में उपभोक्ता आधार का विस्तार किया है।